पं.खुशीलाल शर्मा शासकीय आयुर्वेद हॉस्पिटल भोपाल के डॉक्टर द्वारा कंसलटेंट दवाये
" बवासीर (पाइल्स ) / पेट साफ़ के लिए 100% आरामदायक आयर्वेदिक दवाये "
1- उपयोग विधि :- लक्सोल पाउडर को एक चम्मच रात को सोते समस्य गरम पानी के साथ लेना हे l
2- उपयोग विधि :- हाजमा पाचक चूर्ण को एक चम्मच रात को सोते समस्य गरम पानी के साथ लेना हे l
3- उपयोग विधि :- त्रिफला गुग्गुलु की दो टेवलेट दिन में दो बार गरम पानी के साथ लेना हे l
4- उपयोग विधि :- बवासीर (पाइल्स ) के मरीज को चरक पीलिएफ ऑइंटमेंट की उपयोग विधि निम्न हे
आयु वर्ग - ( व्यस्क )
मात्रा: निर्धारित खुराक का उपयोग करें
अधिकतम मात्रा: 1 दवा को पर्याप्त मात्रा में अपने हाथ में लें और सौम्यता से प्रभावित हिस्से में लगाएं।
दवा लेने का माध्यम: त्वचा दिन में दो बार

" बैद्यनाथ गंधक रसायन की जानकारी "
बैद्यनाथ गंधक रसायन बिना डॉक्टर के पर्चे द्वारा मिलने वाली आयुर्वेदिक दवा है, जो मुख्यतः एक्जिमा, खाज, चर्म रोग के इलाज के लिए उपयोग किया जाता है। बैद्यनाथ गंधक रसायन के मुख्य घटक हैं आंवला, गिलोय, हरीतकी, अदरक, दालचीनी, बहेड़ा, इलायची, शुद्ध गंधक
" हिमालय पैन बाम स्ट्रांग की जानकारी "
हिमालय पैन बाम स्ट्रांग बिना डॉक्टर के पर्चे द्वारा मिलने वाली आयुर्वेदिक दवा है, जो मुख्यतः दर्द, बदन दर्द के इलाज के लिए उपयोग किया जाता है।
यहाँ प्रमुख आयुर्वेदिक दवाओं (Main Ayurvedic Medicines) की सूची दी गई है, जिनका उपयोग विभिन्न रोगों के उपचार में होता है। इनके साथ उपयोग, लाभ और मुख्य घटकों की जानकारी भी दी गई है:
---
🔹 1. त्रिफला चूर्ण (Triphala Churna)
घटक: हरड़, बहेड़ा, आंवला
उपयोग: कब्ज, पाचन शक्ति बढ़ाने, डिटॉक्स
लाभ: लिवर और पेट की सफाई, वजन नियंत्रण
---
🔹 2. अश्वगंधा (Ashwagandha)
घटक: अश्वगंधा की जड़
उपयोग: तनाव, कमजोरी, थकान, मानसिक शक्ति
लाभ: शरीर को बल देता है, तनाव दूर करता है
---
🔹 3. च्यवनप्राश (Chyawanprash)
घटक: आंवला, दशमूल, अश्वगंधा, शतावरी आदि
उपयोग: इम्यूनिटी बूस्टर, ऊर्जा
लाभ: श्वसन प्रणाली को ठीक रखता है, रोग प्रतिरोधक शक्ति बढ़ाता है
---
🔹 4. गिलोय (Giloy)
घटक: गिलोय बेल (Tinospora cordifolia)
उपयोग: बुखार, डेंगू, इम्यून सिस्टम
लाभ: शरीर को संक्रमण से लड़ने की ताकत देता है
---
🔹 5. शिलाजीत (Shilajit)
घटक: हिमालय से प्राप्त शुद्ध खनिज
उपयोग: पुरुष शक्ति, कमजोरी, थकान
लाभ: ऊर्जा बढ़ाता है, यौन शक्ति सुधारता है
---
🔹 6. सतावरी (Shatavari)
घटक: शतावरी जड़
उपयोग: महिलाओं के स्वास्थ्य के लिए, हार्मोन संतुलन
लाभ: मासिक धर्म अनियमितता, गर्भावस्था में सहायक
---
🔹 7. ब्राह्मी (Brahmi)
घटक: ब्राह्मी पौधा
उपयोग: याददाश्त, मानसिक तनाव, नींद की कमी
लाभ: दिमाग की शक्ति बढ़ाती है
---
🔹 8. आरोग्यवर्धिनी वटी (Arogyavardhini Vati)
घटक: त्रिफला, लौह भस्म, चित्रक, कटुकी
उपयोग: लिवर विकार, त्वचा रोग, पाचन तंत्र
लाभ: लिवर डिटॉक्स और त्वचा की समस्या में उपयोगी
---
🔹 9. कामदुधा रस (Kamdudha Ras)
घटक: प्रवाल भस्म, मोती भस्म, गिलोय
उपयोग: अम्लपित्त (Acidity), जलन, उल्टी
लाभ: पेट और मानसिक शांति देता है
---
🔹 10. महाशंख वटी (Mahashankh Vati)
घटक: शंख भस्म, त्रिकटु, हींग
उपयोग: गैस, अपच, पेट दर्द
लाभ: पेट को शांत करता है
नोट:-इस ब्लॉग पोर्टल पेज पर अपडेशन कार्य प्रगतिरत हे !